hindispecial.com आज आपके लिए लाया है एक महान विद्वान नेता समाज सेवक भारतीय संविधान के रचयिता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. B. R. Ambedkar) जी के कुछ अनमोल विचार जिन्हें आप पढ़ कर सकारात्मकता की ओर बढ़ सकते हैं l
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Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar |
2.... धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए !
3.... मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है !
4.... वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं !
5.... मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है !
6.... बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए !
7.... मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाते हैं !
8.... एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है !
9.... मैं समझता हूं कि कोई संविधान चाहे जितना अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हों। एक संविधान चाहे जितना बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग अच्छे हों !
10.... राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये !
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Happy Ambedkar Jayanti |
11.... जो कौम अपना इतिहास नही जानती है, वह कौम कभी अपना इतिहास नही बना सकती है !
12....महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्य नहीं है !
13.... राजनीति में हिस्सा ना लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता है !
14.... एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है जितना कि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मर जायेंगे !
15.... छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है !